ये एक तस्वीर है जिसके जरिये विचारों को आना जाना लगा रहता है लेकिन ऐसे कोई बात नहीं कि एक विचार नहीं है,जिसके बाद कोई विचार हीं ना आये खिडकियाँ खुलीं हैं विचारों की हवाएँ खुब आयेंगी।
वैसे तो एक पत्रकार हूँ,आपसे बातें करना चाहता हूँ,इसलिए लिखने जैसे कठिन काम करने की कोशिश करता हूँ। इस काम के अलावा मन के उन विचारों को आप तक पहुँचाने की कोशिश करता हूँ जिसे ना तो किसी ने देखा है, और ना ही किसी ने सुना है। एक शब्द में बताउँ तो मन के उन अनछुए पहलू को आपको बताने का मन करता है, जिसे मन में रख कर अकुलाहट होती है। इसी प्रयास में इंडियानामा के ज़रिए आप तक पहुँचने की कोशिश है । ये इंडियानाम आपको मेरे इस भारतभूमि के कई पहलू से भी परिचय कराएगा..।