Thursday 24 December 2009

एक पल जो ठहर गया...





ये वो पल थे जो मेरे लिए तो बिल्कुल ही ठहर गये। शायद आपके लिए भी कभी ठहरा होगा जरुर। यह ठहराव जीवन भर मुझे भी याद रहेगा।

Tuesday 15 December 2009

दर्द बाँटने से कम होतो है लेकिन किससे.....


एक दर्द है जिसे मुझे बाँटने का मन करता है लेकिन समझ में नहीं आता है कि किसके साथ बाटू।

Monday 23 November 2009

चावडा हाउस से बदलकर नरीमन......


नरीमन के भीतर क्या हुआ ये तो खूनियों ने कर दिखाया, आखिर पूरा परिवार कैसे दर्द झेला होगा आतंकी कातिलों का ये कहना मुश्किल है। लेकिन हालात देखकर साफ लगा कि परिवार ने अपनी आदुति दे दी। नरीमन हाउस के उन कमरों की तस्वीरें हैं जिसे अभी तक लोगों ने नहीं जाना।

नरीमन का मौत

इन तस्वीरों की कहानी कभी नहीं भूल सकता ये उस हरीष के परिवार के लोगों की है जो एक साल पहले अपने जवान बेटे को खो चुके हैं। आतंक का दानव माँ से अपना बेटा और बहन से भाई छीन चुका है।दर्द है कि बढता ही जाता है कम नहीं होता। नरीमन ने जीते जी मन को मौत दे दी है।