Tuesday 29 March 2011


अपने जीवन के उतरार्ध देखने की कोशिश कर रहा हूँ, शायद ये रहे या इससे से भी कुछ अजीब रहेगा ....,

यादगार पल


पिता जी के साथ बिताए बेहतरीन पल हैं जो कि बेहद यादगार हैं शायद जीवन में एक मीठी याद रहेगी ये .....

कयास


एक कयास है कि कभी हम भी होते इस दरम्यां तो क्या होता ।.....

Wednesday 9 March 2011

याद...


हल्की सी धुधली सी याद है ये बस...