Wednesday, 18 April 2018

एक कसक रह ही गई ...


ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गई
ज़िंदगी में तुम्हारी कमी रह गई
एक मैं, एक तुम, एक दीवार थी
ज़िंदगी आधी-आधी बँटी रह गई
रात की भीगी-भीगी छतों की तरह,
मेरी पलकों पे थोडी नमी रह गई
मैंने रोका नहीं वो चला भी गया
बेबसी दूर तक देखती रह गई
मेरे घर की तरफ धूप की पीठ थी
आते-आते इधर चाँदनी रह गई!!!

Friday, 16 March 2018

एक पल में सब अपने


मैं कई बार ये सोचता रहा हूँ कि आपके साथ कौन सा पल साझा करुँ लेकिन ये महसूस होता है कि कि हर पल आपके साथ साझा कर सकता हूँ । क्योंकि शीर्षक के मुताबिक मुझे तो आपके साथ तसावीरों के साथ ही बात करनी है ...।  तो एक तस्वीर आपके साथ गोवा से...

Friday, 9 March 2018

कुछ फुरसत के पल

बड़े दिनों के बाद कुछ ऐसे फुर्सत के क्षण थे, जिन्हें कुछ कल तक मैंने महसूस किया। उन्हें जाना समझा और यूं कहें तो जिया भी।

Wednesday, 7 March 2018

तैयारी करनी पड़ती है...

आमतौर पर कहीं जाने के लिए मैं कोई खास तैयारी नहीं करता। लेकिन मोबाइल है की साथ ही नहीं छोड़ता। अब तैयारी के साथ इसे भी देखते रहना जरूरी है। पिछले दिनों जब पटना प्रवास था उसी दौरान की यह तस्वीर है।

Monday, 5 March 2018

एक तस्वीर ऐसी भी

चाय का वक्त है आप मुंबई में इस तरह के चाय मिल सकती है।बस इरादा है तो आप ढूँढ सकते हैं ।

अब लौट आया हूँ

कई साल लगे लेकिन आखिर मैं उन झंझावातों से निकल ही आया। मुझे आज महसूस हो रहा है कि वास्तव में शरीर हवा की भांति हल्का और नई उर्जा से भरा हुआ है,,,, चलिए फिर मिलते रहेंगे,,,,।।