रत्नागिरी जाने का अनुभव अपने आप में बेहद खास था। वो भी मानसून के तुरन्त बाद मैंने तो इसे महसूस किया आप भी शायद इसे करें और हो सकता है कई बार किया भी हो बेहद प्रकृति के बीच में रहना अति आनंदित करता है।
वैसे तो एक पत्रकार हूँ,आपसे बातें करना चाहता हूँ,इसलिए लिखने जैसे कठिन काम करने की कोशिश करता हूँ। इस काम के अलावा मन के उन विचारों को आप तक पहुँचाने की कोशिश करता हूँ जिसे ना तो किसी ने देखा है, और ना ही किसी ने सुना है। एक शब्द में बताउँ तो मन के उन अनछुए पहलू को आपको बताने का मन करता है, जिसे मन में रख कर अकुलाहट होती है। इसी प्रयास में इंडियानामा के ज़रिए आप तक पहुँचने की कोशिश है । ये इंडियानाम आपको मेरे इस भारतभूमि के कई पहलू से भी परिचय कराएगा..।
No comments:
Post a Comment