आमतौर पर मैं चाय नहीं पीता हूँ लेकिन वो चाय की चुस्की आज भी याद है जिसे मैंने पीया था। कारण जो भी बन पडा हो लेकिन था बेहतर और भला हो क्यों ना साथ में जो मेरा सबसे करीबी दोस्त जो था। तब तो चाय सीधे दार्जलिंग से आयी हुई ही लगती है।
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